बारह नृत्य करती राजकुमारियां (12 dancing princesses)
बारह नृत्य करती राजकुमारियां (12 dancing princesses in Hindi) बहुत प्रसिद्ध परियों की कहानी है। एवरवुड के दिव्य साम्राज्य में चंद्रमा की किरणें घूमती थीं और तारे हीरे की तरह चमकते थे। वहां एक रहस्यमय घटना घटी। राजा की बारह पुत्रियाँ थीं। बारह की बारह राजकुमारियाँ चाँद के समान सूंदर एवं गुलाब के समान प्यारी थी। उन्हें देखते ही देखने वाले दिल हार जाते। महान परोपकारी राजा एवरवुड, अपनी बेटियों को बहुत प्यार करते थे। लेकिन उन्हें एक अजीब पहेली ने घेर लिया था। हर रात राजकुमारियों के नृत्य करने वाले जूते घिस जाते थे। परंतु कोई भी नहीं जान पाता था कि वे कहाँ गईं या किस जादू ने उन्हें रात भर नृत्य करने के लिए प्रेरित किया?
सच क्या है (12 dancing princesses)?
सच्चाई को उजागर करने के लिए दृढ़ संकल्पित राजा ने एक फरमान जारी किया। फरमान के अनुसार कोई भी लड़का, जो इस रहस्य को उजागर कर सके। राजकुमारियों का उनके गुप्त नृत्य स्थल तक पीछा कर सके। वह शाही बेटियों में से किसी एक से विवाह कर पाएगा। कई बहादुर राजकुमारों ने पहेली को सुलझाने का प्रयास किया, लेकिन कोई भी सफल नहीं हुआ। फिर एक चतुर और शूरवीर राजकुमार राज्य में आया। उसका नाम अलेक्जेंडर था। वह सिपाही के भेष में भ्रमण कर रहा था। आश्चर्य से भरे हृदय और जिज्ञासा से भरे मन के साथ, उसने मन ही मन यह चुनौती स्वीकार कर ली। राजमहल जाते समय, रास्ते मे उसे एक बुढ़िया मिली। बुढ़िया ने उसे घोड़े पर बिठा कर उसके घर तक छोड़ने को कहा। एलेग्जेंडर घोड़े से उतर कर बुढ़िया को उस पर बिठा कर चल पड़ा।
बुढ़िया ने बताई तरकीब
रास्ते मे बुढ़िया ने पूछा, “बेटा! इस राज्य के सैनिक नही लगते। कहाँ से आए हो। कहाँ जा रहे हो?” एलेग्जेंडर ने बुढ़िया को सारा हाल सुनाया। बुढ़िया जादूगरनी थी। उसने अलेक्जेंडर से कहा, “बेटा! तुमने मुझे मेरी मंजिल तक पहुंचाया है, तो मैं भी तेरी मंजिल तक पहुंचने में तेरी मदद करूँगी। यह ले! यह एक जादुई लबादा है। जब तू इसे ओढ़ लेगा तुझे कोई नही देख पाएगा। सुन! रात को जब तू राजकुमारियों के कमरे में जाएगा। वे तुझे पिने के लिए जाम देंगी। उसे मत पीना।” फिर घोड़े से उतर कर बुढ़िया चली गई। इधर एलेग्जेंडर ने उस लबादे को ओढ़ कर परीक्षण भी कर लिया। जब वह उसे ओढ़ता, उसे सच मे कोई और नही देख पाता। एलेग्जेंडर ने राज महल पहुंच कर राजा के सामने चुनौती स्वीकार कर ली।
चालक एलेग्जेंडर
रात कोने जब वह राजकुमारियों के कमरे में पहुंचा। बड़ी राजकुमारी ने उसे जाम दिया। बड़ी चतुराई से उसने उसे फेक दिया और खराटे लेकर नींद का नाटक करने लगा। उसे सोता देख सारी राजकुमारियां तैयार हो गईं। फिर, गुप्त रास्ते से सबसे बड़ी राजकुमारी, प्रिंसेस रोज़ के पीछे पीछे सारी राजकुमारियां निकल गईं। इधर अलेक्जेंडर भी इनके पीछे लबादा ओढ़ कर निकल गया। भूमिगत रास्ते से वे एक जादुई कक्ष में उतर गईं। वहां सूंदर पेड़, पेड़ों पर फल और फूल, सुनहरी लताएं, जगमगाता आकाश था। मानो किसी परियों के लोक में आ गये हों। चलते चलते राजकुमारियां एक चांदी से चमकदार झील के तट पर पहुंच गईं। यह क्या? अचानक से झील में 12 नाव प्रकट हो गए। उन प्रत्येक नाव पर राजकुमार से सजे व्यक्ति भी थे। उन्होंने एक एक राजकुमारी को हाँथ दिया। एक एक कर राजकुमारियाँ एक एक नाव पर विराजमान हो गईं।
राजकुमारियों की पोल खुल गयी (12 dancing princesses)
अलेक्जेंडर भी एक नाव पर सवार हो गया। उसने लबादा ओढ़ रखा था इसलिए किसी को कुछ पता नही चला। नाव एक शानदार नृत्य कक्ष में जा रुकी। राजकुमारियां जैसे ही उतरीं, हर कदम के साथ उनके जूते अधिक चमकने लगते। राजकुमारियों ने रात भर नृत्य किया। जब उनके जूते फटने लगे। वे समझ गईं सुबह के 3 बज चुके हैं। यहाँ सब कुछ जादुई था। वे सब वापिस आने लगीं। तब एलेग्जेंडर उनसे तेजी से आकर अपने बिस्तर पर सो गया। राजकुमारियां जब पहुंची तब देखती है एलेग्जेंडर तो सो रहा है। सुबह होते ही एलेग्जेंडर ने राजा के सामने रहस्य उजागर कर दिया। राजकुमारियों की पोल खुल गई। तब बड़ी राजकुमारी ने बताया, “हमे एक साथ नृत्य करना बहुत पसंद है। वास्तव में प्रतिदिन हमारे लिए 12 साथी कहाँ से आएंगे। इसलिए मैं माँ से वरदान में मिले जादू से यह सब करती थी।”
एलेग्जेंडर ने रोज को चुना (12 dancing princesses in Hindi)
राजा ने रोज से कहा, इस विद्या को जनकल्याण में भी लगाओ। केवल मनोरंजन पर नही।” फिर राजा ने एलेग्जेंडर से कहा, “बेटा! तुमने कर दिखाया। अतः तुम जिन भी राजकुमारी से विवाह करना चाहते हो कर सकते हो। हालांकि तुम सिपाही हो, परंतु इस विवाह के बाद तुम्हे इस राज्य की संपत्ति में हिस्सा भी मिलेगा।” तब एलेग्जेंडर ने सर झुका कर कहा, “ राजा साहब! मैं राजकुमारी रोज से प्रेम करने लगा हूँ। यदि उन्हें भी मैं पसंद हूँ तो मैं उनसे विवाह करना चाहता हूं। एक और बात, मैं सिपाही नही शेरवुड का राजकुमार हूँ।” राजा एलेग्जेंडर की बात सुनकर प्रसन्न होगया। रोज ओर एलेग्जेंडर की शादी हुए। दोनो का जीवन प्रेमपूर्ण रूप से आगे बढ़ा।