पंचतंत्र – ब्राह्मण-कर्कटक कथा (Brahman Karkatak Katha)

पंचतंत्र – ब्राह्मण-कर्कटक कथा ये कहानी पंचतंत्र – ब्राह्मण-कर्कटक कथा काफी शिक्षाप्रद कहानी है। किसी नगर में ब्रह्मदत्त नामक एक ब्राह्मण रहता था। एक बार किसी काम से उसे दूसरे गाँव जाना पड़ा। उसकी माँ ने कहा, “पुत्र, तुम अकेले मत जाओ। किसीको साथ ले लो।”                    … Read more

पंचतंत्र – दो सिर वाला पक्षी (The Bird with Two Heads)

पंचतंत्र - दो सिर वाला पक्षी

पंचतंत्र – दो सिर वाला पक्षी एक तालाब में भारण्ड नाम का एक विचित्र पक्षी रहता था। इसके मुख दो थे, किन्तु पेट एक ही था। एक दिन समुद्र के किनारे घूमते हुए उसे एक अमृतसमान मधुर फल मिला। यह फल समुद्र की लहरों ने किनारे पर फैंक दिया था। उसे खाते हुए एक मुख … Read more

पंचतंत्र – वानरराज का बदला (The Unforgiving Monkey King)

पंचतंत्र – वानरराज का बदला

पंचतंत्र – वानरराज का बदला एक नगर के राजा चन्द्र के पुत्रों को बन्दरों से खेलने का व्यसन था। बन्दरों का सरदार भी बड़ा चतुर था। वह सब बन्दरों को नीतिशास्त्र पढ़ाया करता था। सब बन्दर उसकी आज्ञा का पालन करते थे। राजपुत्र भी उन बन्दरों के सरदार वानरराज को बहुत मानते थे। लोभी मेढा  … Read more

पंचतंत्र – दो सिर वाला जुलाहा (The Weaver with Two Heads)

The Weaver with Two Heads

पंचतंत्र – दो सिर वाला जुलाहा एक बार मन्थरक नाम के जुलाहे के सब उपकरण, जो कपड़ा बुनने के काम आते थे, टूट गये। उपकरणों को फिर बनाने के लिये लकड़ी की जरुरत थी। लकड़ी काटने की कुल्हाड़ी लेकर वह समुद्रतट पर स्थित वन की ओर चल दिया। समुद्र के किनारे पहुँचकर उसने एक वृक्ष … Read more

पंचतंत्र – ब्राह्मण का सपना (The Brahmin’s Dream)

पंचतंत्र – ब्राह्मण का सपना एक नगर में एक कंजूस ब्राह्मण रहता था । उसने भिक्षा से प्राप्त सत्तुओं में से थोडे़ से खाकर शेष से एक घड़ा भर लिया था । उस घड़े को उसने रस्सी से बांधकर खूंटी पर लटका दिया और उसके नीचे पास ही खटिया डालकर उसपर लेटे-लेटे विचित्र सपने लेने … Read more

पंचतंत्र – संगीतमय गधा (The Musical Donkey)

पंचतंत्र – संगीतमय गधा की कहानी

पंचतंत्र – संगीतमय गधा एक धोबी का गधा था। गधे का नाम था–उद्धत। वह दिन भर कपडों के गट्ठर इधर से उधर ढोने में लगा रहता। धोबी स्वयं कंजूस और निर्दयी था। अपने गधे के लिए चारे का प्रबंध नहीं करता था। बस रात को चरने के लिए खुला छोड देता। निकट में कोई चरागाह … Read more

पंचतंत्र – दो मछलियाँ और एक मेंढक (The Tale of Two Fishes & A Frog in Hindi)

पंचतंत्र – दो मछलियाँ और एक मेंढक (एकबुद्धि) एक तालाब में दो मछलियाँ रहती थीं। एक थी शतबुद्धि (सौ बुद्धियों वाली), दूसरी थी सहस्त्रबुद्धि (हजार बुद्धियों वाली)। उसी तालाब में एक मेंढक भी रहता था। उसका नाम था एकबुद्धि। उसके पास एक ही बुद्धि थी। इसलिये उसे बुद्धि पर अभिमान नहीं था। शतबुद्धि और सहस्त्रबुद्धि … Read more

पंचतंत्र – चार मूर्ख पंडित (Char Murkh Pandit)

पंचतंत्र – चार मूर्ख पंडित एक स्थान पर चार ब्राह्मण रहते थे। चारों विद्याभ्यास के लिये कान्यकुब्ज गये। निरन्तर १२ वर्ष तक विद्या पढ़ने के बाद वे सम्पूर्ण शास्त्रों के पारंगत विद्वान् हो गये, किन्तु व्यवहार-बुद्धि से चारों खाली थे। विद्याभ्यास के बाद चारों स्वदेश के लिये लौट पड़े। कुछ़ देर चलने के बाद रास्ता … Read more

पंचतंत्र – चार मित्र (Story of Four Friends)

पंचतंत्र – चार मित्र

पंचतंत्र – चार मित्र एक गाँव में चार मित्र रहते थे। उनमें से तीन बहुत ही विद्वान थे। पर वे व्यावहारिक ज्ञान की दृटि से एकदम कोरे थे।चौथा मित्र पढ़ा-लिखा तो कम था, पर वह व्यावहारिक ज्ञान में माहिर था। एक बार चारों मित्र अपना-अपना भाग्य आजमाने राजधानी की ओर चल पड़े़। रास्ते में एक … Read more

पंचतंत्र – मस्तक पर चक्र (The four treasure seekers)

पंचतंत्र – मस्तक पर चक्र

पंचतंत्र – मस्तक पर चक्र एक नगर में चार ब्राह्मण पुत्र रहते थे। चारों में गहरी मैत्री थी। चारों ही निर्धन थे। निर्धनता को दूर करने के लिए चारों चिन्तित थे। उन्होंने अनुभव कर लिया था कि अपने बन्धु-बान्धवों में धनहीन जीवन व्यतीत करने की अपेक्षा शेर-हाथियों से भरे कंटीले जंगल में रहना अच्छा़ है। … Read more