पंचतंत्र – दो सिर वाला पक्षी (The Bird with Two Heads)

पंचतंत्र - दो सिर वाला पक्षी

पंचतंत्र – दो सिर वाला पक्षी एक तालाब में भारण्ड नाम का एक विचित्र पक्षी रहता था। इसके मुख दो थे, किन्तु पेट एक ही था। एक दिन समुद्र के किनारे घूमते हुए उसे एक अमृतसमान मधुर फल मिला। यह फल समुद्र की लहरों ने किनारे पर फैंक दिया था। उसे खाते हुए एक मुख … Read more

पंचतंत्र – दो सिर वाला जुलाहा (The Weaver with Two Heads)

The Weaver with Two Heads

पंचतंत्र – दो सिर वाला जुलाहा एक बार मन्थरक नाम के जुलाहे के सब उपकरण, जो कपड़ा बुनने के काम आते थे, टूट गये। उपकरणों को फिर बनाने के लिये लकड़ी की जरुरत थी। लकड़ी काटने की कुल्हाड़ी लेकर वह समुद्रतट पर स्थित वन की ओर चल दिया। समुद्र के किनारे पहुँचकर उसने एक वृक्ष … Read more

पंचतंत्र – कौवे और उल्लू का युद्ध  (The war of crows and owls story)

पंचतंत्र – कौवे और उल्लू का युद्ध

कौवे और उल्लू का युद्ध  पंचतंत्र की कहानी कौवे और उल्लू का युद्ध एक शिक्षाप्रद कहानी है। दक्षिण देश में महिलारोप्य नाम का एक नगर था । नगर के पास एक बड़ा पीपल का वृक्ष था । उसकी घने पत्तों से ढकी शाखाओं पर पक्षियों के घोंसले बने हुए थे । उन्हीं में से कुछ घोंसलों … Read more

पंचतंत्र – बोलने वाली गुफा (The Talking Cave)

पंचतंत्र - बोलने वाली गुफा

बोलने वाली गुफा किसी जंगल में एक शेर रहता था। एक बार वह दिन-भर भटकता रहा, किंतु भोजन के लिए कोई जानवर नहीं मिला। थककर वह एक गुफा के अंदर आकर बैठ गया। उसने सोचा कि रात में कोई न कोई जानवर इसमें अवश्य आएगा। आज उसे ही मारकर मैं अपनी भूख शांत करुँगा। सियार … Read more

पंचतंत्र – मूर्खमंडली (Tale Of The Golden Droppings)

मूर्खमंडली एक पर्वतीय प्रदेश के महाकाय वृक्ष पर सिन्धुक नाम का एक पक्षी रहता था । उसकी विष्ठा में स्वर्ण-कण होते थे । एक दिन एक व्याध उधर से गुजर रहा था । व्याध को उसकी विष्ठा के स्वर्णमयी होने का ज्ञान नहीं था । इससे सम्भव था कि व्याध उसकी उपेक्षा करके आगे निकल … Read more

पंचतंत्र -दो सांपो की कथा  (The Tale of Two Snakes Panchatantra Story)

पंचतंत्र -दो सांपो की कथा

घर का भेदी एक नगर में देवशक्ति नाम का राजा रहता था । उसके पुत्र के पेट में एक साँप चला गया था । उस साँप ने वहीं अपना बिल बना लिया था । पेट में बैठे साँप के कारण उसके शरीर का प्रति-दिन क्षय होता जा रहा था । बहुत उपचार करने के बाद … Read more

पंचतंत्र – ब्राह्मण और सर्प (The Brahmin and the Cobra)

पंचतंत्र – ब्राह्मण और सर्प

ब्राह्मण और सर्प की कहानी  किसी नगर में हरिदत्त नाम का एक ब्राह्मण निवास करता था। उसकी खेती साधारण ही थी, अतः अधिकांश समय वह खाली ही रहता था। एक बार ग्रीष्म ऋतु में वह इसी प्रकार अपने खेत पर वृक्ष की शीतल छाया में लेटा हुआ था। सोए-सोए उसने अपने समीप ही सर्प का … Read more

पंचतंत्र – कबूतर का जोड़ा और शिकारी (Pigeon Pair and the Hunter)

कबूतर का जोड़ा और शिकारी एक जगह एक लोभी और निर्दय व्याध रहता था तथा पक्षियों को मारकर खाना ही उसका काम था । इस भयंकर काम के कारण उसके प्रियजनों ने भी उसका त्याग कर दिया था । वह अकेला ही, हाथ में जाल और लाठी लेकर जंगलों में पक्षियों के शिकार के लिये … Read more

पंचतंत्र – कौवे और उल्लू का बैर

पंचतंत्र – कौवे और उल्लू का बैर

कौवे और उल्लू के बैर की कहानी  एक बार हंस, तोता, बगुला, कोयल, चातक, कबूतर, उल्लू आदि सब पक्षियों ने सभा करके यह सलाह की कि उनका राजा वैनतेय केवल वासुदेव की भक्ति में लगा रहता है; व्याधों से उनकी रक्षा का कोई उपाय नहीं करता; इसलिये पक्षियों का कोई अन्य राजा चुन लिया जाय … Read more

पंचतंत्र – अभागा बुनकर

एक नगर में सोमिलक नाम का जुलाहा रहता था। विविध प्रकार के रंगीन और सुन्दर वस्त्र बनाने के बाद भी उसे भोजन-वस्त्र मात्र से अधिक धन कभी प्राप्त नहीं होता था । अन्य जुलाहे मोटा-सादा कपड़ा बुनते हुए धनी हो गये थे । उन्हें देखकर एक दिन सोमलिक ने अपनी पत्‍नी से कहा—“प्रिये ! देखो, … Read more