पंचतंत्र – दो सिर वाला पक्षी (The Bird with Two Heads)

पंचतंत्र - दो सिर वाला पक्षी

पंचतंत्र – दो सिर वाला पक्षी एक तालाब में भारण्ड नाम का एक विचित्र पक्षी रहता था। इसके मुख दो थे, किन्तु पेट एक ही था। एक दिन समुद्र के किनारे घूमते हुए उसे एक अमृतसमान मधुर फल मिला। यह फल समुद्र की लहरों ने किनारे पर फैंक दिया था। उसे खाते हुए एक मुख … Read more

पंचतंत्र – संगीतमय गधा (The Musical Donkey)

पंचतंत्र – संगीतमय गधा की कहानी

पंचतंत्र – संगीतमय गधा एक धोबी का गधा था। गधे का नाम था–उद्धत। वह दिन भर कपडों के गट्ठर इधर से उधर ढोने में लगा रहता। धोबी स्वयं कंजूस और निर्दयी था। अपने गधे के लिए चारे का प्रबंध नहीं करता था। बस रात को चरने के लिए खुला छोड देता। निकट में कोई चरागाह … Read more

पंचतंत्र – चार मूर्ख पंडित (Char Murkh Pandit)

पंचतंत्र – चार मूर्ख पंडित एक स्थान पर चार ब्राह्मण रहते थे। चारों विद्याभ्यास के लिये कान्यकुब्ज गये। निरन्तर १२ वर्ष तक विद्या पढ़ने के बाद वे सम्पूर्ण शास्त्रों के पारंगत विद्वान् हो गये, किन्तु व्यवहार-बुद्धि से चारों खाली थे। विद्याभ्यास के बाद चारों स्वदेश के लिये लौट पड़े। कुछ़ देर चलने के बाद रास्ता … Read more

पंचतंत्र – चार मित्र (Story of Four Friends)

पंचतंत्र – चार मित्र

पंचतंत्र – चार मित्र एक गाँव में चार मित्र रहते थे। उनमें से तीन बहुत ही विद्वान थे। पर वे व्यावहारिक ज्ञान की दृटि से एकदम कोरे थे।चौथा मित्र पढ़ा-लिखा तो कम था, पर वह व्यावहारिक ज्ञान में माहिर था। एक बार चारों मित्र अपना-अपना भाग्य आजमाने राजधानी की ओर चल पड़े़। रास्ते में एक … Read more

पंचतंत्र – ब्राह्मणी और नेवला (The Brahmini and The Mongoose)

पंचतंत्र – ब्राह्मणी और नेवला

पंचतंत्र – ब्राह्मणी और नेवला एक बार देवशर्मा नाम के ब्राह्मण के घर जिस दिन पुत्र का जन्म हुआ उसी दिन उसके घर में रहने वाली नकुली ने भी एक नेवले को जन्म दिया। देवशर्मा की पत्‍नी बहुत दयालु स्वभाव की स्त्री थी। उसने उस छो़टे नेवले को भी अपने पुत्र के समान ही पाल-पोसा … Read more

पंचतंत्र -अपरीक्षितकारकम् (Aparikshit Karkam Panchtantra)

पंचतंत्र -अपरीक्षितकारकम्

पंचतंत्र -अपरीक्षितकारकम् पूर्व प्रदेश के एक प्रसिद्ध नगर पाटलीपुत्र में मणिभद्र नाम का एक धनिक महाजन रहता था। लोक-सेवा और धर्मकार्यों में रत रहने से उसके धन-संचय में कुछ़ कमी आ गई, समाज में मान घट गया। इससे मणिभद्र को बहुत दुःख हुआ। दिन-रात चिन्तातुर रहने लगा। यह चिन्ता निष्कारण नहीं थी। धनहीन मनुष्य के … Read more

पंचतंत्र – स्त्री भक्त राजा (Stree Bhakt Raja)

पंचतंत्र – स्त्री भक्त राजा एक राज्य में अतुलबल पराक्रमी राजा नन्द राज्य करता था। उसकी वीरता चारों दिशाओं में प्रसिद्ध थी। आसपास के सब राजा उसकी वन्दना करते थे। उसका राज्य समुद्र-तट तक फैला हुआ था। उसका मन्त्री वररुचि भी बड़ा विद्वान् और सब शास्त्रों में पारंगत था। उसकी पत्‍नी का स्वभाव बड़ा तीखा … Read more

पंचतंत्र – स्त्री का विश्वास (Stree ka Vishwas)

पंचतंत्र – स्त्री का विश्वास एक स्थान पर एक ब्राह्मण और उसकी पत्‍नी बड़े प्रेम से रहते थे। किन्तु ब्राह्मणी का व्यवहार ब्राह्मण के कुटुम्बियों से अच्छा़ नहीं था। परिवार में कलह रहता था। प्रतिदिन के कलह से मुक्ति पाने के लिये ब्राह्मण ने मां-बाप, भाई-बहिन का साथ छो़ड़कर पत्‍नी को लेकर दूर देश में … Read more

पंचतंत्र – घमंड का सिर नीचा (Ghamand Ka Sir Neecha)

पंचतंत्र – घमंड का सिर नीचा एक गांव में उज्वलक नाम का बढ़ई रहता था। वह बहुत गरीब था। ग़रीबी से तंग आकर वह गांव छो़ड़कर दूसरे गांव के लिये चल पड़ा। रास्ते में घना जंगल पड़ता था। वहां उसने देखा कि एक ऊंटनी प्रसवपीड़ा से तड़फड़ा रही है। ऊँटनी ने जब बच्चा दिया तो … Read more

पंचतंत्र – शेर की खाल में गधा (Donkey and The Washerman)

पंचतंत्र – शेर की खाल में गधा एक शहर में शुद्धपट नाम का धोबी रहता था । उसके पास एक गधा भी था। घास न मिलने से वह बहुत दुबला हो गया। धोबी ने तब एक उपाय सोचा। कुछ दिन पहले जंगल में घूमते-घूमते उसे एक मरा हुआ शेर मिला था, उसकी खाल उसके पास … Read more