शेख चिल्ली की कहानियां

शेख चिल्ली की कहानियां गुदगुदाने वाली और रोचक होती हैं। इनका नाम आते ही हमारे दिमाग में ऐसे इंसान की छवि उभर जाती है जो ख्यालों में खोया रहता है। दिवास्वप्न देखने वाले के लिए पर्यायवाची शब्द का प्रयोग किया जाता है।

क्या शेख चिल्ली की कहानियां वास्तविक हैं ?

शेख चिल्ली की कहानियां मनोरंजक होती हैं इससे कोई इंकार नहीं कर सकता। अनेक मनोरंजक कहानियां शेखचिल्ली को केंद्र में रख कर लिखी गयी हैं। वो कितनी सत्य और कितनी असत्य कहना मुश्किल है।  ये अपनी बातों से लोगों को मंत्र मुग्ध कर देते थे।

शेख चिल्ली कौन था?

मुगल शहजादे दारा शिकोह (1650) के गुरु थे शेख चिल्ली। ये एक महान दरवेश थे। इनका व्यक्तित्व काफी ज़िंदादिल रहा। ये अपने ज्ञान और मसखरेपन के लिए जाने जाते हैं।

कहाँ का रहने वाला था शेख चिल्ली ?

शेखचिल्ली कहाँ के रहने वाले थे अभी तक बहुत जानकारी नहीं है। पर ऐसा माना जाता है कि शेख चिल्ली का जन्म बलूचिस्तान के खानाबदोश कबीले में हुआ था। वो घुमक्कड़ थे और इसी घुमक्कड़ी के चलते वो भारत आये। शेख चिल्ली की सबसे बड़ी बात ये है कि वो वर्तमान में जीता है।

शेख चिल्ली का वास्तविक नाम क्या है ?

शेखचिल्ली का वास्तविक नामअब्द उर्र रज्जाक था। इन्हे अब्द उर्र रहीम और अलैस अब्द उइ करीम के नाम से भी जाना जाता है।

शेख चिल्ली का मकबरा कहाँ है ?

कुरुक्षेत्र के बाहरी इलाके में शेख चिल्ली का मकबरा है। ये बहुत ही खूबसूरत है, जो मुग़ल वास्तुकला का एक नमूना है। इस मकबरे को बनाने में बलुआ पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। इसका आकर परिपत्र ड्रम जैसा है जबकि मकबरे के गुम्बद का आकर नाशपाती के जैसा है।

शेखचिल्ली की कब्र मकबरे के निचले सदन के केंद्र में स्थित है। इस मकबरे के ठीक बगल में इनकी पत्नी की भी कब्र है जो सैंड स्टोन से बना है। ये मकबरा कुछ हद तक आगरा के ताजमहल से मिलता जुलता है। यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा एक संरक्षित इमारत है।

शेख चिल्ली की कहानियां निश्चित ही आपके मन को गुदगुदाएंगी।

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क्रम संख्या कहानी का नाम
1शेख चिल्ली का नाम कैसे पड़ा ?