नैतिक कहानियां

नैतिक कहानियां

वैसी कहानियां जिसमें नैतिकता की शिक्षा दी जाए। आज समाज में नैतिकता की काफी कमी होती जा रही है। माता-पिता या अभिभावक बच्चों को एक सफल इंसान बनाना चाहते हैं, पर वो नैतिकता और मानवता की शिक्षा देना भूल जाते हैं। कुछ स्कूलों में वर्ग 4-5 तक नैतिक शिक्षा दी जाती है पर यह काफी नहीं है।

नैतिक शिक्षा क्यों जरूरी ?

परिवार को, समाज को और देश को चलाने के लिए नैतिकता की जरूरत है। अनैतिक तरीके से अगर परिवार और समाज चलने लगे तो ना रिश्ते बचेंगे, ना परिवार बचेगा ना समाज बचेगा और ना ही देश बचेगा। नैतिकता भी मनुष्य प्राण विहीन शरीर के समान है। अगर बच्चों को नैतिकता की शिक्षा दी जाए तो इतने अपराध नहीं होंगे। अपराध का मूल कारण अपराधी में नैतिकता की कमी है।

बच्चों को नैतिकता की शिक्षा कैसे दें?

बच्चों को नैतिकता की शिक्षा कहानियों के माध्यम से दें। कहानियां सुनने में भी अच्छी लगती हैं और कहानियों के माध्यम से समझना और समझाना भी आसान होता है। कहानियों के माध्यम से बच्चों को नैतिकता की सीख दे। आज बच्चों को नैतिकता की सीखे नहीं देंगे तो कल बच्चे कमाएंगे बहुत पर आप तरस जाएंगे कि आप की भी कोई कद्र करे। बच्चों को इंसान बनाएं मशीन नहीं। नैतिक कहानियां बच्चों को रिश्तो से, परिवार से और समाज से जोड़ती है।

क्रम संख्याकहानी का नाम
1कर्म का फल (Karm Ka Fal)
2दुर्योधन अधर्मी क्यों था ? (Duryodhan Adharmi Kyun Tha)
3महिला का साथ (Mahila Ka Saath)