कटहल का पेड़ की कहानी
बीरबल बहुत तीक्ष्ण दिमाग के थे कटहल का पेड़ की कहानी ये साबित करती है। बीरबल को प्रकृति के बीच बैठना बहुत अच्छा लगता था। जब वे घर से निकले और सोचा कुछ देर शाही बगीचे में बैठा जाए। वे यहाँ अक्सर घंटों बैठा करते थे। बगीचे में घुसते ही उन्हें किसी के रोने की आवाज़ सुनाई पड़ी। वो थोड़े हतप्रभ हुए की इस शाही बाग में कोई क्यों रो रहा है। आवाज़ की दिशा में वो बढ़ते गए तो रोने की आवाज़ और तेज होती गयी । उन्होंने देखा कटहल के पेड़ के पास मीर नामक माली रो रहा है। बीरबल को देखते वो और जोर जोर से रोने लगा । उसके कंधे पर हाथ रखते हुए बीरबल ने कहा , रो मत, क्या बात है साफ -साफ कहो। मीर ने सुबकते सुबकते कटहल के पेड़ की ओर इशारा किया।
जड़ के पास खुदाई
कटहल के जड़ के पास जमीन खुदी थी । बीरबल कुछ समझ पाते, मीर ने कहा मैं लूट गया , बर्बाद हो गया। रोते हुए कहा मेरी जीवन भर की कमाई चली गयी। बीरबल ने कहा आराम से मुझे समझाओ। मीर ने कहा की उसने जीवन भर की कमाई 75 सोने के सिक्के मटके में करके यहीं कटहल के पेड़ के पास गाड़ा था। किसी ने निकाल लिया । मैंने इस पैसे को अपने बुढ़ापे के लिए बचा कर रखा था। अब बात बीरबल को समझ आयी। बीरबल ने पूछा यहाँ कौन कौन आता है? किसी ने तुम्हे यहाँ रखते तो नहीं देखा? घर पर न रख कर यहाँ क्यों रखा ? माली ने कहा बादशाह और उनका परिवार और कुछ मंत्री यहाँ आते हैं। यहाँ रखते तो किसी ने नहीं देखा। मैंने बहुत पहले रखा था। मैं अपना अधिकतर समय यहीं गुजारता हूँ, इसलिए ये आँखों के सामने रहेगा।
अज्ञात चोर
पता नहीं किसने इसका पता लगाया और ले गया । मैं तो कहीं का नहीं रहा। बीरबल ने कहा धीरज रखो और भरोसा रखो चोर का पता लग जाएगा। घर जाने के बाद भी बीरबल का दिमाग कटहल के पेड़ के नीचे खुदाई करने वाले चोर का पता लगाने पर लगा था। अचानक दिमाग में बिजली कौंधी, कहा कटहल के जड़ का इस्तेमाल औषधि में किया जाता है। कल पता लग जायेगा।
बादशाह को बताना
सुबह सुबह बीरबल राजदरबार में पहुंच गए और बादशाह को सारी बात बता दिया । बादशाह से कहा मुझे मंत्रियों से कुछ पूछने की अनुमति आप दें। बादशाह अकबर ने बीरबल से कहा पूछो और पता करो की चोर कौन है? बीरबल ने राजदरबार में पुछा हाल फिलहाल में किसकी तबीयत ख़राब हुई थी ? एक मंत्री उठे और कहे हाँ मेरी ख़राब हुई थी। बीरबल ने पूछा की दवा किसने दिया और कहाँ से आया था। मंत्री ने गुस्सा होते हुए कहा ये क्या बात है? मेरे ससुराल जयपुर से आया था। उन्हें शांत कराते हुए बीरबल ने कहा इतना नाराज होने की बात नहीं थी , शांत हो जाइये।
दोहराया प्रश्न
फिर वही प्रश्न बीरबल ने दोहराया , किसकी तबीयत 2 -3 दिन पहले ख़राब थी। एक दूसरे दरबारी ने सकुचाते हुए खड़े हो कर कहा , मेरी तबीयत ख़राब थी। मुझे महीनो से कब्ज की शिकायत है। मैंने हकीम साहब से पिछले 2 -3 दिन से इलाज कराया है। हकीम साहब दवा कहाँ से लाये – बीरबल ने पूछा ? शाही बगीचे से कुछ औषधियां लाये थे। बीरबल ने कहा हकीम साहब को पेश किया जाए। हकीम साहब राजदरबार में आये, सर झुका कर बादशाह को सलाम किया। उसके बाद बीरबल की ओर मुड़े और सलाम किया। बीरबल ने पूछा कब्ज की दवा भी देते हो क्या, मुझे थोड़ी परेशानी है ? हकीम ने कहा जी हुजूर इलाज हो जायेगा।
चोरी का पता चलना
बाकी औषधियां तो मिल जाएंगी बस कटहल की जड़ के लिए शाही बाग जाना होगा। अब बीरबल ने अपना रुख कड़ा किया । हकीम से पूछा की कटहल के पेड़ के नीचे से पैसे का मटका क्यों चुराया ? सकपकाते हुए हकीम ने कहा हुजूर मुझे माफ़ किया जाए बड़ी गलती हो गयी । मुझे लोभ हो गया था , मैं औषधि के लिए कटहल के पेड़ का जड़ लाने गया था। जब वहां खुदाई किया तो मुझे मटका मिला जिसमें धन था। मेरी नीयत ख़राब हो गयी थी। मैं सारा धन वापस कर दूंगा , मुझे माफ़ किया जाए। बीरबल ने मीर माली को बुलाने का आदेश दिया । माली आया बीरबल ने कहा तुम्हारा मटका मिल गया और उसमें रखा सोने का सिक्का भी। माली ख़ुशी से रोने लगा।
बीरबल का इन्साफ
बीरबल ने कहा गलती माली की भी थी जो वहां धन छुपाया । इसलिए माली को 70 सिक्के दिए जाएँ और 5 सिक्के हकीम को उसकी ईमानदारी के लिए दिए जाएँ। सभा में बैठे सभी लोगों ने बीरबल के दिमाग की भूरि भूरि प्रशंसा की।
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