ईमानदारी का फल (Imaandari ka Fal)
ईमानदारी का फल (Imaandari ka Fal) सदैव मधुर होता है। एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में रमा नाम का एक लकड़हारा रहता था। रमा बहुत गरीब था, लेकिन वह ईमानदार और मेहनती था। वह हर रोज़ जंगल में लकड़ी काटने जाता था और उसे शहर में बेचकर अपना गुज़र-बसर करता था।
एक दिन, रमा जंगल में लकड़ी काट रहा था कि उसे एक चमकती हुई थैली दिखाई दी। थैली भारी थी और रमा को लगा कि इसमें सोने के सिक्के होंगे। उसने थैली उठाई और उसे खोलकर देखा। थैली में सोने के सिक्के नहीं थे, बल्कि हीरे-मोती और अन्य कीमती रत्न भरे हुए थे। रमा बहुत खुश हुआ। उसने सोचा कि अब वह गरीबी से मुक्त हो जाएगा और अपनी जिंदगी बदल सकेगा। लेकिन फिर उसने सोचा कि यह थैली किसी की होगी और उसे वापस लौटाना चाहिए।
थैली और मुखिया
रमा थैली लेकर गाँव के मुखिया के पास गया। मुखिया ने थैली खोलकर देखी और आश्चर्यचकित रह गया। उसने रमा से पूछा कि उसे यह थैली कहाँ से मिली। रमा ने सारी बात सच-सच बता दी। मुखिया ने रमा की ईमानदारी की सराहना की और कहा, “रमा, तुमने जो ईमानदारी दिखाई है, उसके लिए मैं तुम्हें पुरस्कृत करूँगा। यह थैली तुम्हारी ही है।”
रमा बहुत खुश हुआ। उसने मुखिया को धन्यवाद दिया और घर लौट आया। उसने थैली में से कुछ हीरे-मोती बेचे और बाकी को संभालकर रख लिए। उसने उन पैसों से एक अच्छा सा घर बनवाया और अपनी बेटी की शादी भी कर दी। रमा की ईमानदारी की खबर पूरे गाँव में फैल गई। लोग उसकी ईमानदारी और सच्चाई की प्रशंसा करने लगे। रमा गाँव का आदर सम्मानित व्यक्ति बन गया।
घायल हिरण (Imaandari ka Fal)
समय बीतता गया और एक दिन रमा जंगल में लकड़ी काट रहा था कि उसे एक घायल हिरण दिखाई दिया। हिरण का पैर टूट गया था और वह दर्द से कराह रहा था। रमा को हिरण पर दया आ गई और उसने उसे अपने घर ले जाने का फैसला किया। रमा ने हिरण का इलाज किया और उसकी देखभाल की। कुछ दिनों बाद, हिरण ठीक हो गया। रमा ने हिरण को जंगल में छोड़ दिया।
हिरण रमा की दयालुता से बहुत खुश हुआ। उसने रमा को धन्यवाद दिया और जंगल में गायब हो गया।
अगले दिन, रमा जंगल में लकड़ी काट रहा था कि उसे वही हिरण दिखाई दिया। हिरण के मुंह में एक चमकता हुआ हीरा था। हिरण ने हीरा रमा को दिया और जंगल में गायब हो गया। रमा बहुत हैरान हुआ। उसने सोचा कि यह हिरण वही है जिसे उसने बचाया था और यह हीरा उसे उसी का बदला है। रमा ने हीरा बेच दिया और उससे मिले पैसों से उसने गाँव में एक स्कूल खोल दिया। उस स्कूल में गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाती थी।
रमा की ईमानदारी और दयालुता का फल उसे मिला। वह न केवल गरीबी से मुक्त हुआ, बल्कि उसने समाज के लिए भी कुछ अच्छा किया। यह एक शिक्षाप्रद कहानी (Shikshaprad Kahani) है।
कहानी की शिक्षा (Imaandari ka Fal) :
- ईमानदारी हमेशा फलती है।
- जो भी हम करते हैं, ईमानदारी से करना चाहिए।
- दयालुता का फल हमेशा मीठा होता है।
- ईमानदार और दयालु व्यक्ति समाज के लिए प्रेरणा बनते हैं। किसान की घड़ी (Kisan ki Ghadi) कहानी पढ़ें।