रिया: एक साहसी लड़की (Courageous girl Riya)
रिया (Courageous girl Riya), एक साधारण परिवार की बेटी, अपनी खूबसूरती और तीक्ष्ण बुद्धि के कारण हमेशा लोगों की नज़रों में रहती थी। कॉलेज में, कुछ लड़के तो उसके पीछे दीवाने थे, तो कुछ लड़कियां उससे जलती थीं। रिया की सौतेली माँ, मीना, भी उससे नफरत करती थी। मीना चाहती थी कि रिया कभी आगे न बढ़ सके।
हर रोज़ रिया नई चुनौतियों का सामना करती थी। कुछ लड़के उसे गलत तरीके से छूने की कोशिश करते, तो कुछ लड़कियां उसके बारे में अफवाहें फैलातीं। मीना भी हर मौके पर उसे ताने मारती और नीचा दिखाने की कोशिश करती। लेकिन रिया ने कभी हार नहीं मानी। उसने अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित रखा और हर मुश्किल का डटकर सामना किया। वो जानती थी कि उसकी सफलता ही उन लोगों को जवाब देगी।
रिया बचपन से ही आईएएस बनना चाहती थी। पर लोग उसके सपनों की बात सुन कर उसका मज़ाक उड़ाते थे। ग्रेजुएशन करने के बाद रिया ने आईएएस करने के अलावा कुछ सोचा ही नहीं और वो उसकी तैयारियों में लग गयी। रिया ने आईएएस की तैयारी में बहुत मेहनत की। उसने दिन-रात पढ़ाई की और हर संभव कोशिश की। लेकिन पहली बार में उसे सफलता नहीं मिली। रिया को थोड़ी निराशा हुई, लेकिन उसने हार नहीं मानी। उसने अपनी गलतियों से सीखा और फिर से तैयारी शुरू कर दी।
परीक्षा में दूसरा प्रयास
दूसरी बार रिया ने और भी कड़ी मेहनत की। उसने अपनी कमजोरियों पर काम किया और अपनी तैयारी में और भी सुधार किए। इस बार रिया पूरी तरह से तैयार थी। एक साल बाद, रिया ने फिर से आईएएस की परीक्षा दी। परीक्षा खत्म होने के बाद, रिया को थोड़ी घबराहट हुई। लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और परिणाम का इंतजार करने लगी। कुछ महीनों बाद, परिणाम आ गए। इस बार भी रिया सफल नहीं हुई। इस बार इंटरव्यू के बाद भी सफलता नहीं मिली।
रिया टूट चुकी थी। सौतेली माँ बहुत खुश थी। अपने हर परिचित से कह रही थी आईएएस बनना इतना आसान होता तो कहना ही क्या था? ये पढाई करती नहीं थी रात में जाग जाग कर आशिकों से प्रेम की पींगे लड़ाती थी। रिया का रो रो कर बुरा हाल था। वो असफलता से उतनी आहत नहीं थी जितना इन सब तानों से आहत थी।
पापा का हाथ
एक दिन रिया अपने कमरे में बैठ कर भविष्य के बारे में सोच रही थी, उसी समय उसके पापा आये। पापा ने सर पर हाथ रखकर कहा मुझे सब पता है। तुम गलत नहीं हो बेटा, बस हार मत मानो। तुम वो मत करो जो सब चाह रहे। तुम वो करो जो तुम चाह रही। हार कर बैठ जाना असफलता है। लड़ते रहना असफलता की निशानी नहीं है। इसलिए लड़ते रहो। फिर से प्रयास करो। रिया अपने पापा को पकड़ कर फफक कर रो पड़ी। रिया को पापा ने कहा बेटा मुझे माफ़ करना मैंने दूसरी शादी की और तुम्हे इतना कष्ट हुआ। बाप बेटी गले मिल कर रो रहे थे। उन्होंने कहा बेटा वचन दे तुम हार नहीं मानोगी। रिया ने पापा के हाथ पर हाथ रख कर मुस्कुराते हुए कहा ” आई प्रॉमिस ” , रिया को जीवन की एक संजीवनी मिल चुकी थी।
एग्जाम की तैयारी
रिया अब दुगने उत्साह से एग्जाम की तैयारी में लग गयी। इस बार प्रीलिम्स के पहले रिया ज्यादा रिलैक्स्ड थी। परीक्षा कक्ष में खुद को ज्यादा सजग और सहज महसूस कर रही थी। परीक्षा देने के बाद लग चुका था प्रीलिम्स हो जाएगा। अब बारी मैन्स की थी। रिया इस बार ज्यादा से ज्यादा आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस करना चाह रही थी। काफी आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस के बाद अब रिया ज्यादा कॉंफिडेंट थी। प्रीलिम्स का रिजल्ट आ गया, रिजल्ट मनोनुकूल हुआ। अब मैन्स की बारी थी। रिया इस बार कोई चूक नहीं चाह रही थी। फाइनली वो दिन आ गया और अब मैन्स शुरू हो गए। आज रिया का पेपर ख़त्म हुआ। रिया का मैन्स ख़त्म हो चुका था। वो अब इंटरव्यू की ज्यादा से ज्यादा प्रक्टिस करना चाहती थी। पिछली बार यहीं वो चूक गयी थी। महीना गुजर चुका था।
पापा को दिल का दौरा
एक दिन 11 बजे के करीब रिया के पापा को दिल का दौरा पड़ा। घर में कोहराम मचा था। रिया एम्बुलेंस के लिए हॉस्पिटल मैं फ़ोन कर रही थी, उसी समय उसकी बेस्ट फ्रेंड गरिमा का कॉल आया। वो भी आईएएस की तैयारी कर रही थी। रिया अनमने ढंग से फ़ोन उठायी तो रिया ने कहा बाद मैं बात करती हूँ। उसने पुछा क्या हुआ, रिया ने कहा पापा की तबियत बहुत ख़राब है हॉस्पिटल लेकर जा रही हूँ। गरिमा ने कहा में भी आती हूँ। रिया अपने पापा को मेट्रो हॉस्पिटल लेकर गयी। डॉक्टर ने देखते ही कहा इन्हे हार्ट अटैक हुआ है, इमरजेंसी एडमिट करना होगा, रिया की आँखों के सामने अँधेरा छा गया, इतना पैसा कहाँ से आएगा ?
रिया की फाइनेंसियल कंडीशन
रिया के फ़ोन की घंटी फिर बजी, इस बार गरिमा फिर से फ़ोन कर रही थी। रिया झल्लाने वाली थी की बार बार कॉल क्यों कर रही। तभी दूसरे साइड से गरिमा ने कहा रुक मैंने तुम्हे देख लिया। मैं भी हॉस्पिटल आ गयी हूँ। गरिमा को रिया की फाइनेंसियल कंडीशन पता थी। गरिमा ने कहा अंकल को जल्दी से इमरजेंसी में एडमिट कराओ। रिया हताश गरिमा को देख रही। गरिमा ने कहा अरे तुम्हारा पैसा मेरे पास था मैं ले आयी। ये लो अपनी पहली क़िस्त के 2 लाख रुपये। इससे पहले की रिया कुछ कहती गरिमा ने पेमेंट काउंटर पर जाकर एक लाख जमा करा दिए। अब रिया के पापा इमरजेंसी में एडमिट हो चुके थे। गरिमा ने रिया से कहा जो हमे करना था हमलोगों ने किया। अब भगवान से प्रार्थना करो और डॉक्टर पर भरोसा करो सब अच्छा होगा।
पढ़ाई की फीस
रिया कुछ पूछना चाह रही थी, गरिमा ने बचे 1 लाख उसकी हाथ में देते हुए कहा ये तुमने जो 3 साल मुझे पढ़ाया है उसकी फीस है। अरे मैंने तुम्हे कॉल किया था ये बताने के लिए हम दोनों आईएएस मैन्स पास कर गए हैं। रिया गरिमा से लिपट कर रोने लगी। मीना की तेज़ आवाज़ रिया के कानों में आयी, अपने पापा के पास क्यों नहीं हो ? इससे पहले की रिया कुछ बोल पाती गरिमा ने कहा आंटी वहां किसी की ज़रूरत नहीं। डॉक्टर ने बाहर बैठने को कहा है। मीना बड़बड़ाते हुए आगे बढ़ गयी।
इंटरव्यू की तैयारी (Courageous girl Riya)
कुछ दिनों के बाद रिया के पापा हॉस्पिटल से घर लौट आये। अब रिया फिर से इंटरव्यू की तैयारी में गरिमा के साथ लग गयी। इंटरव्यू हुआ, दोनों ने अच्छे से इंटरव्यू दिया। रिजल्ट का इंतज़ार सारे आईएएस की तैयरी करने वाले कर रहे थे और रिया अपनी ज़िंदगी में लगी थी। एक दिन शाम को गरिमा का कॉल आया वो रोने लगी, वो कुछ बोल नहीं पा रही थी। रिया घबड़ा गयी, गरिमा चाह कर भी बोल नहीं पा रही थी। सिर्फ टीवी सुनायी दिया रिया को। रिया भाग कर टीवी खोली, न्यूज़ लगाया तो वो भी फफक रोने लगी।
आईएएस टॉपर का नाम
टीवी पर इस बार के आईएएस टॉपर का नाम आ रहा था। रिया (Courageous girl Riya) ने टॉप किया था। खुद को सँभालने के बाद रिया ने गरिमा को कॉल किया, तो गरिमा ने रोते हुए कहा गेट खोल, मैं गेट पर हूँ। हाथ मैं मिठाई का डब्बा लिए गरिमा ने कहा तुम टॉप की और मैं भी सफल हो गयी। मुझे 11 वीं रैंक आयी है, रिया ने कहा हाँ मैंने देखा। रिया के पापा पीछे खड़े होकर दोनों की बात सुन रहे थे। उनके आँखों से आंसू की अविरल धारा बह रही थी। अपने पापा को देख कर रिया लिपट गयी और कहा मैं जीत गयी पापा। मैंने आईएएस टॉप कर लिया है। उसके सर पर हाथ रख कर उसके पापा ने कहा बेटा आज मैं भी जीत गया।
मीना जलभुन कर रह गयी, अब कुछ नहीं हो सकता था। रिया ने अपनी सफलता से उन सभी लोगों को जवाब दिया जिन्होंने उसका मजाक उड़ाया और उसे नीचा दिखाने की कोशिश की। रिया की कहानी एक प्रेरणा है। यह हमें सिखाती है कि अगर हम हार न मानें और कड़ी मेहनत करें तो हम अपनी मंजिल ज़रूर पा सकते हैं। रिया की कहानी उन सभी लड़कियों के लिए भी प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करना चाहती हैं।
रिया की कहानी का अंत यहीं नहीं होता। आईएएस बनने के बाद, रिया ने एक ईमानदार और कुशल अधिकारी बनकर समाज की सेवा की। उसने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और गरीबों और वंचितों के उत्थान के लिए काम किया। रिया एक प्रेरणादायी व्यक्तित्व बन गईं और उन्होंने लाखों लोगों को प्रेरित किया।
कहानी की सीख (Courageous girl Riya)
- खूबसूरती और बुद्धि हमेशा ईर्ष्या का कारण बनते हैं।
- हमें हमेशा दूसरों का सम्मान करना चाहिए।
- हमें कठिन परिस्थितियों में भी हार नहीं माननी चाहिए।
- हमें अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
- हमें ईमानदारी और सच्चाई के मार्ग पर चलना चाहिए।”
क्रोध गलत रास्ते का साथी (Shikshaprad Kahaniyan – Krodh Galat Raste Ka Sathi) पढ़ें।