मिट्टी का तिलक (Mitti Ka Tilak) और एक अटूट बंधन
यह कहानी मिट्टी का तिलक (Mitti Ka Tilak) एक शिक्षाप्रद कहानी है। गाँव के उस छोटे से घर में, सूरज की पहली किरणों के साथ ही राहुल की आँखें खुल जाती थीं। उसकी नींद टूटते ही, वह सीधा अपने प्यारे दोस्त टोनी के पास जाता। टोनी, एक सुनहरे बालों वाला कुत्ता, हमेशा बिस्तर के पास ही राहुल का इंतजार करता रहता था। राहुल टोनी को गले लगाता और उसके मुलायम फर को सहलाता। वे दोनों मिलकर दिन की शुरुआत करते। राहुल टोनी को साथ लेकर खेतों में जाता, नदी के किनारे दौड़ता, और पेड़ों की छाया में बैठकर कहानियाँ सुनता। टोनी हमेशा राहुल का साथ निभाता। जब राहुल रोता, तो टोनी उसके आँसू चाटकर उसे सांत्वना देता। जब राहुल हँसता, तो टोनी अपनी पूंछ हिला-हिलाकर उसकी खुशी में शामिल होता।
राहुल को जाना पड़ा
अब समय आचुका था, जब राहुल को पढ़ने के लिए गांव से बाहर जाना था। एक दिन, राहुल की दादी ने उसे मंदिर ले जाने का फैसला किया। मंदिर जाने से पहले, राहुल ने टोनी को गले लगाकर कहा, “टोनी, मैं तुझे बहुत याद करूँगा।” टोनी की आँखें राहुल के चेहरे पर टिकी रहीं। वह समझ गया था कि राहुल उससे दूर जाने वाला है। मंदिर में, पुजारी ने राहुल के माथे पर गंगा जल से तिलक लगाया। फिर उसने एक कटोरी में रखी मिट्टी से राहुल के माथे पर एक और तिलक लगाया। यह मिट्टी का तिलक गाँव के लोगों के लिए बहुत खास था। माना जाता था कि इस मिट्टी में देवी-देवताओं का आशीर्वाद होता है। राहुल को यह तिलक बहुत पसंद आया। उसे लगा जैसे उसके माथे पर देवताओं का आशीर्वाद है।
सच्चा प्रेम (Mitti Ka Tilak)
राहुल घर लौटा और सीधा टोनी के पास गया। उसने टोनी को अपना तिलक दिखाया। टोनी ने राहुल के चेहरे को चाटा और अपनी पूंछ हिलाई। राहुल ने टोनी को बताया कि, “गांव के हर बच्चे की तरह, अब उसे भी बाहर जाकर अच्छे स्कूल में पढ़ाई करनी होगी। तभी वह एक सफल व्यक्ति बन पाएगा। फिर, बहुत सारे पैसे काम आएगा और उस पैसे से राहुल और टोनी सुखमय जीवन जिएंगे। परंतु, राहुल एक बच्चा था और उसे यह नहीं पता था कि टोनी की उम्र राहुल की इतनी नहीं है। राहुल को खुश होता देख टोनी भी खूब खुश हुआ। वह अपनी पूछ हिला हिला कर राहुल की खुशियों में खुश हो रहा था। सच में इसे ही सच्चा प्रेम कहते हैं। आप जिससे प्रेम करते हैं, जब वह खुश होता है तो आप इसी बात से खुश हो जाते हैं।
नही रहा टोनी
फिर एक दिन सुबह, राहुल गांव से बाहर दूर शहर में पढ़ने चला गया। कई साल बीत गए। लेकिन, वो टोनी को कभी नहीं भूला। हर छुट्टी में वह गांव आता और टोनी के साथ खेलता। एक दिन, राहुल को पता चला कि टोनी बीमार है। वह तुरंत गांव गया। टोनी बहुत कमजोर हो गया था। राहुल ने टोनी को गोद में उठाया और उसे अपने सीने से लगा लिया। टोनी की आँखें धीरे-धीरे बंद हो गईं। राहुल टूट गया था। उसने टोनी को एक सुंदर से पेड़ के नीचे दफनाया। रात को, राहुल उस पेड़ के नीचे बैठा और टोनी को याद किया। आकाश में चाँद चमक रहा था और तारे टिमटिमा रहे थे। राहुल ने सोचा कि टोनी अब आसमान में एक तारे के रूप में चमक रहा है और वह हमेशा उसके साथ है।
दोस्ती का फर्ज
सालों बाद, राहुल एक सफल व्यक्ति बन गया। उसने शहर में एक बड़ा घर बना लिया। उसे कभी भी गाँव और टोनी की याद नहीं आती थी। एक दिन, उसे एक सपना आया। सपने में, टोनी उसके पास आया और कहा, “राहुल, तुम मुझे भूल गया है?” राहुल जाग गया और रोने लगा। उसे एहसास हुआ कि वह कितना बदल गया था। राहुल ने फैसला किया कि वह गाँव वापस जाएगा और टोनी के नाम पर जानवरों का एक अस्पताल बनवाएगा, ताकि सभी जानवरों को अच्छी देखभाल मिले। उसने सोचा कि यह टोनी को समर्पित सबसे अच्छा उपहार होगा। जब अस्पताल बनगया, तब एक दिन वहां एक लावारिस कुत्ते का बच्चा आया। जो बीमार था। वह राहुल के पैर के पास बिल्कुल वैसे बैठा रहता जैसा टोनी बैठता था। कुछ दिन बाद, राहुल ने उसे पाल लिया और उसका नाम रखा टोनी।
शिक्षा (Shikshaprad Kahaniyan):
दोस्ती जीवन का सबसे अनमोल तोहफा है।
हर जीवित प्राणी प्यार और देखभाल का हकदार है।
सफलता पाने के बाद भी हमें अपने अतीत और दोस्तों को नहीं भूलना चाहिए।
हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहना चाहिए।