सपनों की उड़ान ( Sapno ki udaan) कितनी सुन्दर

सपनों की उड़ान (Sapno ki udaan) कितनी दूर ?

रामू एक छोटे से गाँव में रहता था, जहाँ धूल भरी सड़कें और मिट्टी के घर उसकी दुनिया थे। उसके मातापिता अशिक्षित थे और बेहद गरीब। दोनों दिहाड़ी मजदूरी करके किसी तरह घर चलाते थे। रामू पढ़ने में बहुत तेज और मेहनती था। गाँव के स्कूल में हमेशा अव्वल आता था। उसकी आँखों में बड़े सपने थे, जिन्हें पूरा करने के लिए वह जीतोड़ मेहनत करता था। उसकी किताबों में खोई एक दुनिया थी, जो उसे इस गरीबी और अभाव से दूर ले जाती थी।

करियरशब्द

एक दिन उसने करियरशब्द सुना। उसे समझ नहीं आया कि इसका मतलब क्या होता है। उसने अपने स्कूल के अध्यापक से पूछा, “गुरुजी, ये करियर क्या होता है?”

अध्यापक ने समझाया, “रामू, करियर का मतलब है जीवन में तुम क्या बनना चाहते हो, क्या काम करना चाहते हो। जैसे कोई डॉक्टर बनता है, कोई इंजीनियर, कोई शिक्षक, ये सब उनका करियर है।

रामू को बात समझ आ गई। उसने सोचा, “मुझे भी कुछ बनना है, बड़ा आदमी बनना है।उसने अपना लक्ष्य तय किया। उसने ठान लिया कि वह खूब पढ़ेगा और अपने परिवार को गरीबी से निकालेगा।

दिन रात पढ़ाई में जुट गया। गाँव में बिजली नहीं थी, तो वह लालटेन की रोशनी में पढ़ता था। कभीकभी तो भूखे पेट ही पढ़ाई करता था, लेकिन उसकी लगन कम नहीं हुई। उसकी आँखों में एक ज्वाला थी, जो उसे हर मुश्किल से लड़ने की ताकत देती थी।

परीक्षा का परिणाम और सपनों की उड़ान (Sapno Ki Udaan)

समय बीतता गया। रामू ने दसवीं की परीक्षा में पूरे जिले में टॉप किया। गाँव में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। उसके मातापिता की आँखों में आँसू थे, पर ये आँसू खुशी के थे। रामू की माँ ने उसे सीने से लगाया और कहा, “बेटा, तू हमारा नाम रोशन करेगा।

बारहवीं के बाद रामू ने शहर के कॉलेज में दाखिला लिया। ये उसके जीवन का एक नया मोड़ था। शहर की चकाचौंध देखकर वह थोड़ा डरा, पर जल्द ही उसने अपने आप को संभाल लिया। कॉलेज में भी उसने अपनी मेहनत और लगन से पढ़ाई की। उसने ग्रेजुएशन में यूनिवर्सिटी में टॉप किया।

साजिशें

लेकिन यहीं से कहानी में एक मोड़ आया। रामू की सफलता से जलने वाले कुछ लोग, खासकर कॉलेज का एक रईस छात्र विक्रम, उसके खिलाफ साजिशें रचने लगे। विक्रम रामू की प्रतिभा और लोकप्रियता से ईर्ष्या करता था। वह चाहता था कि रामू किसी भी कीमत पर आगे न बढ़े।

एक दिन, रामू पर परीक्षा में धांधली करने का आरोप लगाया गया। सबूत विक्रम ने ही तैयार करवाए थे। रामू टूट गया। उसे लगा जैसे उसकी सारी मेहनत बेकार हो गई। गाँव के लोग भी उस पर शक करने लगे। उसके मातापिता भी चिंतित थे।

लेकिन रामू ने हार नहीं मानी। उसने सच साबित करने की ठान ली। इस मुश्किल दौर में उसे एक लड़की का साथ मिला, अंजलि। अंजलि एक साधारण परिवार से थी, पर वह बहुत बुद्धिमान और साहसी थी। उसने रामू का हौसला बढ़ाया और उसे सही राह दिखाई। अंजलि रामू की सच्चाई और उसकी मेहनत को जानती थी। धीरेधीरे दोनों करीब आने लगे। एक दूसरे के दर्द को समझने लगे। एक दूसरे में उन्हें एक सहारा मिला। प्यार के अंकुर फूटने लगे।

साजिश का पर्दाफाश

अंजलि ने रामू को विक्रम की साजिश के बारे में बताया। उसने विक्रम को किसी और के साथ रामू के खिलाफ बातें करते हुए सुना था। रामू और अंजलि ने मिलकर विक्रम का पर्दाफाश करने की योजना बनाई। उन्होंने कुछ और छात्रों की मदद ली जो विक्रम की गलत हरकतों से परेशान थे।

उन्होंने विक्रम के खिलाफ सबूत इकट्ठा किए। और सही समय आने पर सबके सामने उसकी सच्चाई ला दी। विक्रम की साजिश सबके सामने आ गई। वह कॉलेज से निकाल दिया गया। रामू निर्दोष साबित हुआ।

साथ का फैसला

इस मुश्किल दौर में रामू और अंजलि का प्यार और भी गहरा हो गया। दोनों ने एक दूसरे का साथ देने का फैसला किया।

रामू ने फिर से अपनी पढ़ाई शुरू की। उसने कई प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लिया और सब में सफलता प्राप्त की। अंततः उसे एक अच्छी नौकरी मिल गई।

रामू की सफलता ने उसके परिवार की जिंदगी बदल दी। उसने अपने मातापिता को गाँव से शहर बुला लिया। अब वे आराम से जीवन बिता रहे थे। रामू ने अपने मातापिता को वो सारी खुशियाँ दीं, जिनके वे हकदार थे। रामू ने अंजलि से शादी कर ली। दोनों ने मिलकर एक खुशहाल संसार बसाया।

कहानी की प्रेरणा (Sapno Ki Udaan)

रामू की कहानी एक प्रेरणा है। यह दिखाती है कि अगर इंसान में लगन और मेहनत करने की क्षमता हो, तो वह किसी भी मुश्किल को पार कर सकता है, भले ही रास्ते में कितनी भी बाधाएँ आएँ। और सच्चे दोस्त और परिवार का साथ हो तो हर मुश्किल आसान हो जाती है। और अगर प्यार का साथ मिल जाए, तो जीवन और भी खूबसूरत बन जाता है।

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