सफलता का रहस्य (secret of success)
हर व्यक्ति सफलता का रहस्य (secret of success) जानना चाहता है। एक बार एक व्यक्ति ने महान दार्शनिक (Philosopher) सुकरात से पूछा कि “सफलता का रहस्य क्या है?” – (What is the secret of success?) तो सुकरात ने उस व्यक्ति से कहा कि “वह कल सुबह नदी के पास मिले, वही पर उसे उसके प्रश्न का उत्तर मिलेगा। रात बीती सुबह हुई। दूसरे दिन सुबह होते ही, वह व्यक्ति नदी के पास पहुंचा। वहां सुकरात भी थे। तभी सुकरात ने उस व्यक्ति को नदी में उतरकर, नदी की गहराई मापने को कहा। वह व्यक्ति नदी में उतरकर आगे की तरफ जाने लगा।
सुकरात की अनोखी शैली
जैसे ही पानी उस व्यक्ति के नाक तक पहुंचा, पीछे से सुकरात ने आकर अचानक से उसका मुंह पानी में डुबो दिया। वह व्यक्ति बाहर निकलने के लिए छटपटाने लगा। बहुत कोशिश करने पर भी वह बाहर नही निकल पा रहा था। सुकरात उस व्यक्ति से अधिक शक्तिशाली थे। उन्होंने उस व्यक्ति को काफी देर तक पानी में डुबोए रखा। जब उन्हें लगा कि अब शायद थोड़ी और देर इसे डुबो के रखने से यह मर सकता है, तब उन्होंने उस व्यक्ति को छोड़ दिया। जैसे ही सुकरात ने उस व्यक्ति को छोड़ा, उसने अपना सर पानी से बाहर निकाल लिया। फिर, जल्दी-जल्दी सांस लेने लगा।
प्रश्नों के उत्तर (secret of success)
जब उसकी जान में जान आई, तो वह सुकरात की ओर प्रश्न भरी आंखों से देखने लगा। उसके इस विस्मय भरे भाव को देखकर सुकरात मुस्कुराने लगे। फिर उन्होंने उस व्यक्ति से पूछा – “जब तुम पानी में थे। तब तुम क्या चाहते थे?” व्यक्ति ने कहा – “जल्दी से बाहर निकलकर सांस लेना चाहता था। डूबता हुआ व्यक्ति और क्या चाहेगा!” सुकरात ने कहा – “यही तुम्हारे प्रश्न का उतर (secret of success) है। जब तुम सफलता को उतनी ही तीव्र इच्छा से चाहोगे जितनी तीव्र इच्छा से तुम सांस लेना चाह रहे थे, तो तुम्हे सफलता निश्चित रूप से मिल जाएगी। सफलता प्राप्त करने के लिए तुम्हे केवल उसी के योग्य प्रयास एवं श्रम करना होगा।”