पारिवारिक कुरीतियां एक अभिशाप (Parivarik Kuritiyan ek Abhishap)

पारिवारिक कुरीतियां एक अभिशाप (Parivarik Kuritiyan ek Abhishap) पारिवारिक कुरीतियां एक अभिशाप (Parivarik Kuritiyan ek Abhishap) समसामयिक कहानी है। दिसंबर का महीना था। बहुत जोर से ठंड पड़ रही थी। सुबह का समय था। अच्छी धूप खिली थी। मालती देवी अपने घर के बाहर अपनी गायों को चारा खिला रही थी। तभी उनके दरवाजे पर … Read more