पंचतंत्र -हाथी और गौरैया

किसी पेड़ पर एक गौरैया अपने पति के साथ रहती थी। वह अपने घोंसले में अंडों से चूजों के निकलने का बेसब्री से इंतज़ार कर रही थी। एक दिन की बात है गौरैया अपने अंडों को से रही थी और उसका पति भी रोज की तरह खाने के इन्तेजाम के लिए बाहर गया हुआ था।तभी … Read more

पंचतंत्र – तीन मछलियां

जलाशय एक नदी के किनारे उसी नदी से जुड़ा एक बड़ा जलाशय था। जलाशय में पानी गहरा होता हैं, इसलिए उसमें काई तथा मछलियों का प्रिय भोजन जलीय सूक्ष्म पौधे उगते हैं। ऐसे स्थान मछलियों को बहुत रास आते हैं। उस जलाशय में भी नदी से बहुत-सी मछलियां आकर रहती थी। अंडे देने के लिए … Read more

सिंड्रेला की कहानी

सिंड्रेला का जीवन एक बार की बात है, एक सिंड्रेला नाम की लड़की थी। वो अपनी सौतेली माँ और दो सौतेली बहनों के साथ रहती थी। उसकी सौतेली माँ और बहनें बहुत ही क्रूर और मतलबी थीं। वो लोग सिंड्रेला से सारा काम करवाते थे और फिर भी उसके साथ बुरा व्यव्हार करते थे। बिना … Read more

पंचतंत्र – मूर्ख बातूनी कछुआ

किसी तालाब में कम्बुग्रीव नामक एक कछुआ रहता था। तालाब के किनारे रहने वाले संकट और विकट नामक हंस से उसकी गहरी दोस्ती थी। तालाब के किनारे तीनों हर रोज खूब बातें करते और शाम होने पर अपने-अपने घरों को चल देते। एक वर्ष उस प्रदेश में जरा भी बारिश नहीं हुई। धीरे-धीरे वह तालाब … Read more

पंचतंत्र – टिटिहरी का जोड़ा और समुद्र का अभिमान

समुद्रतट के एक भाग में एक टिटिहरी का जोडा़ रहता था । अंडे देने से पहले टिटिहरी ने अपने पति को किसी सुरक्षित प्रदेश की खोज करने के लिये कहा । टिटहरे का अभिमान टिटिहरे ने कहा – “यहां सभी स्थान पर्याप्त सुरक्षित हैं, तू चिन्ता न कर ।” टिटिहरी – “समुद्र में जब ज्वार … Read more

पंचतंत्र – शेर, ऊंट, सियार और कौवा

किसी वन में मदोत्कट नाम का सिंह निवास करता था। बाघ, कौआ और सियार, ये तीन उसके नौकर थे। ऊंट का आगमन एक दिन उन्होंने एक ऐसे उंट को देखा जो अपने गिरोह से भटककर उनकी ओर आ गया था। उसको देखकर सिंह कहने लगा, “अरे वाह! यह तो विचित्र जीव है। जाकर पता तो … Read more

पंचतंत्र- रंगा सियार

एक बार की बात है कि एक सियार जंगल में एक पुराने पेड़ के नीचे खड़ा था। पूरा पेड़ हवा के तेज झोंके से गिर पड़ा। सियार उसकी चपेट में आ गया और बुरी तरह घायल हो गया। वह किसी तरह घिसटता-घिसटता अपनी मांद तक पहुंचा। सियार की कमजोरी कई दिन बाद वह मांद से … Read more

पंचतंत्र – खटमल और बेचारी जूं

एक राजा के शयनकक्ष में मंदरीसर्पिणी नाम की जूं ने डेरा डाल रखा था। रोज रात को जब राजा जाता तो वह चुपके से बाहर निकलती और राजा का खून चूसकर फिर अपने स्थान पर जा छिपती। चतुर खटमल का आगमन संयोग से एक दिन अग्निमुख नाम का एक खटमल भी राजा के शयनकक्ष में … Read more

पंचतंत्र – चतुर खरगोश और शेर

किसी घने वन में एक बहुत बड़ा शेर रहता था। वह रोज शिकार पर निकलता और एक ही नहीं, दो नहीं कई-कई जानवरों का काम तमाम देता। जंगल के जानवर डरने लगे कि अगर शेर इसी तरह शिकार करता रहा तो एक दिन ऐसा आयेगा कि जंगल में कोई भी जानवर नहीं बचेगा। सारे जंगल … Read more

पंचतंत्र – बगुला भगत और केकड़ा

एक वन प्रदेश में एक बहुत बड़ा तालाब था। हर प्रकार के जीवों के लिए उसमें भोजन सामग्री होने के कारण वहां नाना प्रकार के जीव, पक्षी, मछलियां, कछुए और केकड़े निवास करते थे। पास में ही बगुला रहता था, जिसे परिश्रम करना बिल्कुल अच्छा नहीं लगता था। उसकी आंखें भी कमजोर थीं। मछलियां पकडने … Read more