पंचतंत्र – बूढ़ा आदमी, युवा पत्नी और चोर (The Old Man his Young Wife and Thief)

पंचतंत्र - बूढ़ा आदमी युवा पत्नी और चोर

बूढ़ा आदमी की युवा की पत्नी और चोर  किसी ग्राम में किसान दम्पती रहा करते थे। किसान तो वृद्ध था पर उसकी पत्नी युवती थी। अपने पति से संतुष्ट न रहने के कारण किसान की पत्नी सदा पर-पुरुष की टोह में रहती थी, इस कारण एक क्षण भी घर में नहीं ठहरती थी। एक दिन … Read more

पंचतंत्र – ब्राह्मण और सर्प (The Brahmin and the Cobra)

पंचतंत्र – ब्राह्मण और सर्प

ब्राह्मण और सर्प की कहानी  किसी नगर में हरिदत्त नाम का एक ब्राह्मण निवास करता था। उसकी खेती साधारण ही थी, अतः अधिकांश समय वह खाली ही रहता था। एक बार ग्रीष्म ऋतु में वह इसी प्रकार अपने खेत पर वृक्ष की शीतल छाया में लेटा हुआ था। सोए-सोए उसने अपने समीप ही सर्प का … Read more

पंचतंत्र – कबूतर का जोड़ा और शिकारी (Pigeon Pair and the Hunter)

कबूतर का जोड़ा और शिकारी एक जगह एक लोभी और निर्दय व्याध रहता था तथा पक्षियों को मारकर खाना ही उसका काम था । इस भयंकर काम के कारण उसके प्रियजनों ने भी उसका त्याग कर दिया था । वह अकेला ही, हाथ में जाल और लाठी लेकर जंगलों में पक्षियों के शिकार के लिये … Read more

पंचतंत्र – बकरा, ब्राह्मण और तीन ठग (The Brahmin & Three Crooks)

The Brahmin & Three Crooks

ब्राह्मण और तीन ठग किसी गांव में सम्भुदयाल नामक एक ब्राह्मण रहता था। एक बार वह अपने यजमान से एक बकरा लेकर अपने घर जा रहा था। रास्ता लंबा और सुनसान था। आगे जाने पर रास्ते में उसे तीन ठग मिले। ब्राह्मण के कंधे पर बकरे को देखकर तीनों ने उसे हथियाने की योजना बनाई। … Read more

पंचतंत्र -धूर्त बिल्ली का न्याय (The Cunning Mediator)

पंचतंत्र -धूर्त बिल्ली का न्याय

तीतर, खरगोश और धूर्त बिल्ली एक जंगल में विशाल वृक्ष के तने में एक खोल के अन्दर कपिंजल नाम का तीतर रहता था । एक दिन वह तीतर अपने साथियों के साथ बहुत दूर के खेत में धान की नई-नई कोंपलें खाने चला गया। बहुत रात बीतने के बाद उस वृक्ष के खाली पड़े खोल … Read more

Raksha Bandhan Quotes

Happy Raksha Bandhan

Share Raksha Bandhan quotes and greetings! Raksha Bandhan is one of the most celebrated festivals. On this day, brothers and sisters repeat their vows of togetherness forever. Every year on Sawan Poornima (as per Hindi calendar) Raksha Bandhan is celebrated; usually, this day falls in August. In 2020 this festival will fall on August 3rd … Read more

पंचतंत्र – हाथी और चतुर खरगोश

हाथी और चतुर खरगोश की कहानी  एक वन में ’चतुर्दन्त’ नाम का महाकाय हाथी रहता था । वह अपने हाथीदल का मुखिया था । बरसों तक सूखा पड़ने के कारण वहा के सब झील, तलैया, ताल सूख गये, और वृक्ष मुरझा गए । सब हाथियों ने मिलकर अपने गजराज चतुर्दन्त को कहा कि हमारे बच्चे … Read more

पंचतंत्र – कौवे और उल्लू का बैर

पंचतंत्र – कौवे और उल्लू का बैर

कौवे और उल्लू के बैर की कहानी  एक बार हंस, तोता, बगुला, कोयल, चातक, कबूतर, उल्लू आदि सब पक्षियों ने सभा करके यह सलाह की कि उनका राजा वैनतेय केवल वासुदेव की भक्ति में लगा रहता है; व्याधों से उनकी रक्षा का कोई उपाय नहीं करता; इसलिये पक्षियों का कोई अन्य राजा चुन लिया जाय … Read more

पंचतंत्र – अभागा बुनकर

एक नगर में सोमिलक नाम का जुलाहा रहता था। विविध प्रकार के रंगीन और सुन्दर वस्त्र बनाने के बाद भी उसे भोजन-वस्त्र मात्र से अधिक धन कभी प्राप्त नहीं होता था । अन्य जुलाहे मोटा-सादा कपड़ा बुनते हुए धनी हो गये थे । उन्हें देखकर एक दिन सोमलिक ने अपनी पत्‍नी से कहा—“प्रिये ! देखो, … Read more

रक्षा बंधन की कहानी

रक्षा बंधन की कहानी

भारतीय इतिहास में रक्षा बंधन मनाने की परम्परा काफी पुरानी है। इसमें बहुत सी कहानियां प्रसिद्ध हैं, आइये रक्षा बंधन की कहानी पढ़ते हैं। रक्षा बंधन की कहानी (Raksha Bandhan Story) भाई बहन के अटूट प्रेम का पर्व रक्षाबंधन प्रति वर्ष श्रावण पूर्णिमा को मनाया जाता है। ये सदियों से भाई और बहन के प्रेम … Read more

पंचतंत्र – व्यापारी के पुत्र की कहानी

किसी नगर में सागर दत्त नाम का एक व्यापारी रहता था। उसके लड़के ने एक बार सौ रुपए में बिकने वाली एक पुस्तक खरीदी। उस पुस्तक में केवल एक श्लोक लिखा था – जो वस्तु जिसको मिलने वाली होती है, वह उसे अवश्य मिलती है। उस वस्तु की प्राप्ति को विधाता भी नहीं रोक सकता। … Read more

पंचतंत्र – ब्राह्मणी और तिल के बीज

एक बार की बात है एक निर्धन ब्राह्मण परिवार रहता था, एक समय उनके यहाँ कुछ अतिथि आये, घर में खाने पीने का सारा सामान ख़त्म हो चुका था, इसी बात को लेकर ब्राह्मण और ब्राह्मण-पत्‍नी में यह बातचीत हो रही थी: ब्राह्मण—-“कल सुबह कर्क-संक्रान्ति है, भिक्षा के लिये मैं दूसरे गाँव जाऊँगा । वहाँ … Read more

माँ गंगा की उत्पत्ति I Ganga River Story

देवनदी माँ गंगा की उत्पत्ति की कहानी  माँ गंगा की उत्पत्ति (Ganga River Story) की कहानी बहुत रोचक और प्रेरणादायी है। यह बात उस समय की है जब श्री हरि विष्णु ने देवमाता अदिति के पुत्र के रूप में अपना वामन अवतार लिया था। उस समय धरती और स्वर्ग लोग के अधिपति दैत्यराज बलि थे। … Read more

पंचतंत्र – गजराज और मूषकराज

प्राचीन काल में एक नदी के किनारे बसा नगर व्यापार का केन्द्र था। फिर आए उस नगर के बुरे दिन, जब एक वर्ष भारी वर्षा हुई। नदी ने अपना रास्ता बदल दिया। लोगों के लिए पीने का पानी न रहा और देखते ही देखते नगर वीरान हो गया अब वह जगह केवल चूहों के लायक … Read more

महाराज बलि और भगवान विष्णु का वामन अवतार

भक्त प्रह्लाद के पोते और राजा विरोचन के पुत्र थे महाराज बलि। राजा विरोचन की पत्नी सुरोचना ने महाराज बलि को जन्म दिया था। विरोचन के बाद महाराज बलि ही दैत्यों के अधिपति हुए और उन्हे दैत्यराज बलि भी कहते हैं। एक बार की बात है, तब समुद्र मंथन के बाद देवगन बहुत शक्तिशाली हो … Read more

पंचतंत्र – साधु और चूहा

महिलरोपयम नामक एक दक्षिणी शहर के पास भगवान शिव का एक मंदिर था। वहां एक पवित्र ऋषि रहते थे और मंदिर की देखभाल करते थे। वे भिक्षा के लिए शहर में हर रोज जाते थे, और भोजन के लिए शाम को वापस आते थे। वे अपनी आवश्यकता से अधिक एकत्र कर लेते थे और बाकि … Read more

पंचतंत्र – मुर्ख मित्र

किसी राजा के राजमहल में एक बन्दर सेवक के रुप में रहता था । वह राजा का बहुत विश्वास-पात्र और भक्त था । अन्तःपुर में भी वह बेरोक-टोक जा सकता था । एक दिन जब राजा सो रहा था और बन्दर पंखा झल रहा था तो बन्दर ने देखा, एक मक्खी बार-बार राजा की छाती … Read more

पंचतंत्र – जैसे को तैसा

एक स्थान पर जीर्णधन नाम का बनिये का लड़का रहता था । धन की खोज में उसने परदेश जाने का विचार किया । उसके घर में विशेष सम्पत्ति तो थी नहीं, केवल एक मन भर भारी लोहे की तराजू थी । उसे एक महाजन के पास धरोहर रखकर वह विदेश चला गया । विदेश स … Read more

पंचतंत्र- मूर्ख बगुला और नेवला

जंगल के एक बड़े वट-वृक्ष की खोल में बहुत से बगुले रहते थे । उसी वृक्ष की जड़ में एक साँप भी रहता था । वह बगलों के छोटे-छोटे बच्चों को खा जाता था । एक बगुला साँप द्वारा बार-बार बच्चों के खाये जाने पर बहुत दुःखी और विरक्त सा होकर नदी के किनारे आ … Read more

पंचतंत्र – मित्रद्रोह का फल

दो मित्र धर्मबुद्धि और पापबुद्धि हिम्मत नगर में रहते थे। एक बार पापबुद्धि के मन में एक विचार आया कि क्यों न मैं मित्र धर्मबुद्धि के साथ दूसरे देश जाकर धनोपार्जन कर्रूँ। बाद में किसी न किसी युक्ति से उसका सारा धन ठग-हड़प कर सुख-चैन से पूरी जिंदगी जीऊँगा। इसी नियति से पापबुद्धि ने धर्मबुद्धि … Read more