हितोपदेश-धोबी का गधा और खेतवाला शिकारी

धोबी का गधा और खेतवाला शिकारी हितोपदेश की कहानी धोबी का गधा और खेतवाला शिकारी की कहानी काफी शिक्षाप्रद कहानी है। हस्तिनापुर में एक विलास नामक धोबी रहता था। विलास अपने गधे से खूब काम करवाता था। गधे को ठीक से खाना भी नहीं देता था। अधिक बोझ ढ़ोने और कम खाना मिलने से गधा … Read more

हितोपदेश – बंदर, घंटा और कराला नामक कुटनी की कहानी

बंदर, घंटा और कराला नामक कुटनी की कहानी बंदर, घंटा और कराला नामक कुटनी की कहानी हितोपदेश की प्रसिद्ध कहानियों में से एक है। श्रीपर्वत के बीच में एक ब्रह्मपुर नामक नगर था। वहां एक खबर सुनी जाती थी की उसके शिखर पर एक घंटाकर्ण नामक राक्षस रहता है। एक दिन घंटे को ले कर … Read more

हितोपदेश – सिंह, चूहा और बिलाव की कहानी (Singh, Chuha Aur Bilav Ki Kahani)

सिंह, चूहा और बिलाव की कहानी उत्तर दिशा में अर्बुदशिखर नामक पर्वत पर दुदार्ंत नामक एक बड़ा पराक्रमी सिंह रहता था। उस पर्वत की कंदरा में सोते हुए सिंह की लटाके बालों को एक चूहा नित्य काट जाया करता था, तब लटाओं के छोर को कटा देख कर क्रोध से बिल के भीतर घुसे हुए … Read more

हितोपदेश – भैरव नामक शिकारी, मृग, शूकर और गीदड़

भैरव नामक शिकारी, मृग, शूकर और गीदड़

भैरव नामक शिकारी, मृग, शूकर और गीदड़ भैरव नामक शिकारी, मृग, शूकर और गीदड़ की कहानी काफी शिक्षाप्रद कहानी है। कल्याणकटक बस्ती में एक भैरव नामक व्याध (शिकारी) रहता था। वह एक दिन मृग को ढ़ूढ़ता- ढ़ूंढ़ता विंध्याचल की ओर गया, फिर मारे हुए मृग को ले कर जाते हुए उसने एक भयंकर शूकर को … Read more

हितोपदेश – मृग, काग और धूर्त गीदड़ की कहानी

मृग, काग और धूर्त गीदड़ की कहानी मृग, काग और धूर्त गीदड़ की कहानी हितोपदेश की कहानियों में काफी प्रसिद्ध कहानी है। मगध देश में चंपकवती नामक एक महान अरण्य था, उसमें बहुत दिनों में मृग और कौवा बड़े स्नेह से रहते थे। किसी गीदड़ ने उस मृग को हट्ठा- कट्ठा और अपनी इच्छा से … Read more

हितोपदेश – कबुतर, काग, कछुआ, मृग और चूहे की कहानी (Pigeon, Crow, Tortoise, Deer and the Mouse Story of Hitopadesh)

हितोपदेश की कहानियां

 कबुतर, काग, कछुआ, मृग और चूहे की कहानी गोदावरी के तीर पर एक बड़ा सैमर का पेड़ है। वहाँ अनेक दिशाओं के देशों से आकर रात में पक्षी बसेरा करते हैं। एक दिन जब थोड़ी रात रह गई ओर भगवान कुमुदिनी के नायक चंद्रमा ने अस्ताचल की चोटी की शरण ली तब लघुपतनक नामक काग … Read more

हितोपदेश – सुवर्णकंकणधारी बूढ़ा बाघ और मुसाफिर की कहानी

बूढ़ा बाघ और मुसाफिर (वृद्धव्याघ्रपथिकयो: कथा) एक समय दक्षिण दिशा में एक वृद्ध बाघ स्नान करके कुशों को हाथ में लिए हुए कह रहा था– हे हो मार्ग के चलने वाले पथिकों ! मेरे हाथ में रखे हुए इस सुवर्ण के कड्कण (कड़ा) को ले लो, इसे सुनकर लालच के वशीभूत होकर किसी बटोही ने … Read more