हितोपदेश – बनिया, बैल, सिंह और गीदड़ों की कहानी

बनिया, बैल, सिंह और गीदड़ों की कहानी हितोपदेश- बनिया, बैल, सिंह और गीदड़ों की कहानी बहुत प्रेरक है।  दक्षिण दिशा में सुवर्णवती नामक नगर था।  उसमे वर्धमान नामक एक बनिया रहता था। उसके पास बहुत धन भी था।  परंतु अपने दूसरे भाई- बंधुओं को अधिक धनवान देखकर उसकी यह लालसा हुई कि और अधिक धन … Read more

हितोपदेश – धूर्त गीदड़ और कर्पूरतिलक हाथी की कहानी

हितोपदेश – धूर्त गीदड़ और कर्पूरतिलक हाथी की कहानी हितोपदेश – धूर्त गीदड़ और कर्पूरतिलक हाथी की कहानी एक शिक्षाप्रद कहानी की क्यों किसी के बहकावे में नहीं आना चाहिए।  ब्रह्मवन में कर्पूरतिलक नामक हाथी था। उसको देखकर सब गीदड़ों ने सोचा,””यदि यह किसी तरह से मारा जाए तो उसकी देह से हमारा चार महीने … Read more

हितोपदेश – भैरव नामक शिकारी, मृग, शूकर और गीदड़

भैरव नामक शिकारी, मृग, शूकर और गीदड़

भैरव नामक शिकारी, मृग, शूकर और गीदड़ भैरव नामक शिकारी, मृग, शूकर और गीदड़ की कहानी काफी शिक्षाप्रद कहानी है। कल्याणकटक बस्ती में एक भैरव नामक व्याध (शिकारी) रहता था। वह एक दिन मृग को ढ़ूढ़ता- ढ़ूंढ़ता विंध्याचल की ओर गया, फिर मारे हुए मृग को ले कर जाते हुए उसने एक भयंकर शूकर को … Read more

हितोपदेश – मृग, काग और धूर्त गीदड़ की कहानी

मृग, काग और धूर्त गीदड़ की कहानी मृग, काग और धूर्त गीदड़ की कहानी हितोपदेश की कहानियों में काफी प्रसिद्ध कहानी है। मगध देश में चंपकवती नामक एक महान अरण्य था, उसमें बहुत दिनों में मृग और कौवा बड़े स्नेह से रहते थे। किसी गीदड़ ने उस मृग को हट्ठा- कट्ठा और अपनी इच्छा से … Read more

होली की कहानी (Story of Holi)

होली की कहानी (Story of Holi)

होली की कहानी ( Story of Holi) होली की कहानी (Story of Holi) क्या है अगर आप नहीं जानते तो इसे अवश्य पढ़ें क्योंकि होली भारत का एक प्रसिद्ध पर्व है। सतयुग में माता दिति और ऋषि कश्यप के पुत्र हिरण्यकश्यप ( जिन्हे हिरण्यकश्यपु भी कहा जाता है) और हिरण्याक्ष थे। हिरण्याक्ष एक दमनकारी असुर … Read more

पंचतंत्र – ब्राह्मण-कर्कटक कथा (Brahman Karkatak Katha)

पंचतंत्र – ब्राह्मण-कर्कटक कथा ये कहानी पंचतंत्र – ब्राह्मण-कर्कटक कथा काफी शिक्षाप्रद कहानी है। किसी नगर में ब्रह्मदत्त नामक एक ब्राह्मण रहता था। एक बार किसी काम से उसे दूसरे गाँव जाना पड़ा। उसकी माँ ने कहा, “पुत्र, तुम अकेले मत जाओ। किसीको साथ ले लो।”                    … Read more

पंचतंत्र – दो सिर वाला पक्षी (The Bird with Two Heads)

पंचतंत्र - दो सिर वाला पक्षी

पंचतंत्र – दो सिर वाला पक्षी एक तालाब में भारण्ड नाम का एक विचित्र पक्षी रहता था। इसके मुख दो थे, किन्तु पेट एक ही था। एक दिन समुद्र के किनारे घूमते हुए उसे एक अमृतसमान मधुर फल मिला। यह फल समुद्र की लहरों ने किनारे पर फैंक दिया था। उसे खाते हुए एक मुख … Read more

पंचतंत्र – वानरराज का बदला (The Unforgiving Monkey King)

पंचतंत्र – वानरराज का बदला

पंचतंत्र – वानरराज का बदला एक नगर के राजा चन्द्र के पुत्रों को बन्दरों से खेलने का व्यसन था। बन्दरों का सरदार भी बड़ा चतुर था। वह सब बन्दरों को नीतिशास्त्र पढ़ाया करता था। सब बन्दर उसकी आज्ञा का पालन करते थे। राजपुत्र भी उन बन्दरों के सरदार वानरराज को बहुत मानते थे। लोभी मेढा  … Read more

पंचतंत्र – दो सिर वाला जुलाहा (The Weaver with Two Heads)

The Weaver with Two Heads

पंचतंत्र – दो सिर वाला जुलाहा एक बार मन्थरक नाम के जुलाहे के सब उपकरण, जो कपड़ा बुनने के काम आते थे, टूट गये। उपकरणों को फिर बनाने के लिये लकड़ी की जरुरत थी। लकड़ी काटने की कुल्हाड़ी लेकर वह समुद्रतट पर स्थित वन की ओर चल दिया। समुद्र के किनारे पहुँचकर उसने एक वृक्ष … Read more

पंचतंत्र – ब्राह्मण का सपना (The Brahmin’s Dream)

पंचतंत्र – ब्राह्मण का सपना एक नगर में एक कंजूस ब्राह्मण रहता था । उसने भिक्षा से प्राप्त सत्तुओं में से थोडे़ से खाकर शेष से एक घड़ा भर लिया था । उस घड़े को उसने रस्सी से बांधकर खूंटी पर लटका दिया और उसके नीचे पास ही खटिया डालकर उसपर लेटे-लेटे विचित्र सपने लेने … Read more